सूर्य भेदन का अर्थ होता है सूर्य को छेदना या आर पार होना. सूर्य भेदन प्राणायाम में श्वांस लेने की प्रक्रिया दाहिनी नासिका व श्वांस छोडऩे की प्रक्रिया बायीं नासिका से करते हैं.
सूर्य अनुलोम-विलोम : सूर्य अनुलोम विलोम प्राणायाम बाह्य नासिका रंद्र को बंद करके केवल दहया नासिका रंद्र से सांस को अंदर लेकर बाहर निकालने की प्रक्रिया को सूर्य अनुलोम-विलोम प्राणायाम कहते हंै.
भ्रामरी : भ्रामरी प्राणायाम करते समय आदमी मधुमक्खी की तरह गुंजन करता है. इसलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहते हैं. हाथों के अंगूठों से कान बंद करें. तर्जनी उंगली को माथे पर, मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर रखना है. मुंह बंद रखें. नाक से सामान्य गति से श्वांस लें. नाक से मधुमक्खी जैसी आवाज निकालते हुए सांस निकालें.श्वांस बाहर निकालते समय ऊं का उच्चारण करें. इसे 5-7 बार करें.
सावधानी से कम होगा दर्द
1- आकस्मित मौसम बदलने, अनिद्रा, तनाव के कारण माइग्रेन होने कि सम्भावना है. ऑयल मालिश से आराम मिलेगा.
2- छींक, खांसी और शोक के कारण माइग्रेन बढ़ता है. इससे बचें.
3- अत्यधिक समय कंप्यूटर मोबाइल देखने से माइग्रेन बढ़ता है इसलिए महत्वपूर्ण होने पर ही इस्तेमाल करें.
4- अधिक नमक, चटपटी चीजें, चाय- कॉफी, शराब और तम्बाकू के इस्तेमाल से माइग्रेन बढ़ता है. इस्तेमाल न करें.
5- फास्टफूड, जंकफूड आर्टिफिशियल स्वीटनर युक्त चीजें न खाएं.
6- फलों में संतरा, मौसमी, पपीता खट्टा आम खाना वर्जित है. फ्रिज में रखा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स न पीएं.
7- सरसों और अलसी का ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
8- ध्वनि प्रदूषण से माइग्रेन बढ़ता है. सप्ताह में एक दिन कानों में ऑयल डालें.
ये चीजें देती हैं राहत
1- रात में 4-5 बादाम भिगोकर प्रातः काल चबाकर खाएं. गुड़ में बना बादाम पाकिस्तान भी लाभकारी है.
2- दूध को हल्दी, इलायची और केसर डालकर आधे घंटे उबालकर पीएं.
3- सुपाच्य और रेशेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें. रोजाना गरम और ताजा भोजन करें.
4- फलों में सेब, अनार, खजूर और काजू, बादाम, अखरोट, किशमिश व मुनक्का सुबह-शाम खाएं.
5- तिल, मूंगफली और सूरजमुखी ऑयल से बनी चीजें खाएं. मिश्री के साथ एक चम्मच मक्खन प्रात: खाली पेट खाने से आराम मिलता है.